जीवन तुमने दिया है, संभालोगे तुम

Aaryan Bhalla
9 min readJul 11, 2020

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इंडियन वाइट आई के बच्चों की कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दबाइए
“जब मैंने उन्हें देखा पंखों के साथ” आर्यन भल्ला द्वारा

जब मुझे लगता है मैंने सब कुछ देख लिया तब मेरे सामने एक नई चीज आ जाती है ।
पार्क में सुबह चलना या घूमना सेहत के लिए काफी अच्छा होता है।
ऐसे ही एक दिन जब मैं सुबह अपने घर के सामने वाले पार्क में घूम रहा था। तब मैंने एक हरे रंग की सफेद आंख की छोटी सी चिड़िया को देखा। जिसे 'इंडियन वाइट आई' कहते हैं उस चिड़िया के मुंह में रूई जैसा कुछ था। तो मुझे लगा की यह जरूर अपना घोंसला बना रही होगी उसी के साथ एक और चिड़िया भी थी। जो शायद नर हो उसके मुंह में भी छोटे-छोटे तिनके थे। तो मैंने उन दोनों चिड़ियों का पीछा करा और वह एक पेड़ में जा घुसी।

उन दोनों ने इस पेड़ पर अपना
परिवार बसाने का फैसला किया इस पेड़ का नाम है : फिल्कन का पेड़ या वाइट फिग, जोकि बरगद की एक प्रजाति है।

• 21 जून 2020, रविवार

फिर शाम को मैंने इसके घोसले की एक सुंदर सी तस्वीर खींची।
फिर मैं इस चिड़िया के घोसले की जानकारी जुटाने लग पड़ा मुझे नेट से काफी सारी जानकारी मिली और मैंने यह फैसला किया कि मैं इस घोंसले के ज्यादा नजदीक नहीं जाऊंगा। तभी ही यह चिड़िया अपने अंडे दे पाएगी।
प्रजनन का मौसम फरवरी से सितंबर है लेकिन अप्रैल
प्रजनन का मुख्य मौसम है और कॉम्पैक्ट कप घोंसला दो डालियों के बीच झूला की तरह बनाया जाता है।
यह अपना घोंसला लाइकेन, रूई , छोटे-छोटे तिनके और प्लांट फाइबर से बनाती है। घोंसला लगभग 4 दिनों में बनाया जाता है और इस चिड़िया का घोंसला काफी छोटा होता है और दो डालियों के बीच में झूले की तरह लटका होता है जोकि काफी मजबूती से जोड़ा जाता है और दो से चार पीले नीले अंडे एक दूसरे के कुछ दिनों के भीतर दे दिए जाते हैं। अंडे लगभग 10 दिनों में निकलते हैं। दोनों लिंग लगभग 10 दिन बच्चों का ख्याल रखते हैं और उन्हें उड़ने योग्य बनाते हैं ।

22 जून 2020,सोमवार

मैंने चिड़िया को घोंसले में बैठा देखा तो मुझे लगा यह जरूर
अंडे से रही होगी। फिर वह चिड़िया अचानक से घोसले में से उड़ गई और मैंने अंडों की एक सुंदर सी तस्वीर खींचने का फैसला किया और मैंने देखा कि घोसले में तीन छोटे-छोटे नीले सफेद रंग के अंडे थे। तो मैंने गूगल की मदद से यह जाना कि इसके अंडों को निकलने में 10 दिन लगते हैं। फिर 10 दिन तक मैं भूल गया कि यहां कोई घोंसला भी है ताकि वह चिड़िया अपने अंडों को अच्छी तरह से सी सके और मैं उनके पास बार-बार जाकर उन्हें तंग ना करूं। तो अब उनके जन्म का इंतजार करते हैं।

1 जुलाई 2020, बुधवार

'सब्र का फल मीठा होता है' यह कहावत सच में किसी ने सोच समझकर ही बनाई होगी क्योंकि जिस पल को देखने का मैं 11 दिनों से इंतजार कर रहा था। वह आज आ गया आज 'इंडियन वाइट आई' के तीनों अंडो में से छोटे-छोटे बच्चे निकल गए। मैं वह देखकर बहुत ही खुश था मुझे यह पता इसलिए लगा क्योंकि मैंने उस चिड़िया के मुंह में कुछ खाना और छोटे-छोटे कीड़े ले जाते हुए देखे। तब मुझे लगा कि अंडों में से बच्चे निकल गए हैं और मैंने जैसे ही जरा सी डाली को हिलाया। उन्होंने खाने के लिए अपना मुंह खोल लिया क्योंकि उन्होंने यह समझा कि मैं उनकी मां हूं और उनकी आंखें भी अभी नहीं खुली हुई थी। चिड़ियों के बच्चों को पैदा होने के बाद अगले दिन से ही खाना चाहिए होता है।

अब इनके माता-पिता जैसे-जैसे इन्हें खाना खिलाकर पोषण देंगे उसी तरह इनके पंख निकल आएंगे और आंखें भी खुल जाएंगी।
अब दोनों माता और पिता उनके बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी भी और अधिक बढ़ जाएगी।

पहले दो बच्चे मुंह खोल रहे हैं परंतु तीसरे वाला अभी थोड़ा सुस्त है ।

जुलाई 3 2020, शनिवार

सिर्फ एक ही दिन क्या हुआ बच्चों के शरीर का विकास भी हो गया । उनके छोटे - छोटे प्यारे से कांटेदार पंख भी निकल आए और इनके शरीर के पंखों की पहली परत भी निकल आई अब मैं अपनी दिनचर्या में से थोड़ा समय निकालकर इन्हें देखने भी जाता था ।

'डाली का यू हिलना और इनको
खाना मिलना ।...'
अगर थोड़ी सी हवा से भी डाली भी हिले तो इन्हें ऐसा ही लगता है कि इनकी मां आ गई है और यह अपना मुंह खोल लेते हैं ।

आज मां नीम के पेड़ पर बैठी हुई मुझे दिखी और वह काफी जोर जोर से शायद से पिता को बुला रही थी । यह छोटी सी चिड़िया है ही प्यारी है परंतु अब इसकी तादाद काफी अधिक तक काम हो चुकी है।

4 जुलाई 2020, शनिवार

हमें बड़ा होने में कई साल लग जाते हैं परंतु चिड़ियों के बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता। यह तो एक - एक दिन में ही बड़े होते रहते हैं इसी तरह आज भी इनके पंख काफी लंबे हो गए।

बच्चे आहट से मुंह खोल लेते हैं पर अगर इन्हें कोई प्रतिक्रिया ना लगे तो वह वापिस सो जाते हैं।

जब भी मैं उस पेड़ के नजदीक जाता हूँ जहाँ घोंसला बना हुआ है, जब माँ घर पर नहीं होती थी तो पिता हमेशा पहरा देते हैं। जब मैं घोंसले के पास जाता हूं तो पिता चिल्लाते हैं और मां को बुला लेते हैं।

6 जुलाई 2020, सोमवार

एक नया दिन । आज इन बच्चों के शरीर के पंखों की एक नई परत निकल आई इनके पंख और ज्यादा लंबे हो गए और अब इनके हरे - हरे पंख निकलने शुरू हो गए हैंमैं जब भी इनकी तस्वीर लेने या इन्हें देखने जाता हूं तो सबसे पहले चारों और देखता हूं कि कहीं कोई कौवा तो नहीं है क्योंकि कवर या बिल्ली इन्हें खा सकते हैं ।

मेरे पास शाम को पार्क में जाकर इन्हें देखने का कोई ना कोई कारण तो जरूर होता है और मुझे हमेशा कोई बहाना मार कर पार्क में जाना पड़ता है । जैसे - जैसे दिन मेरे ऑनलाइन टेस्ट में निकली जा रही हैं उसी तरह यह वैसे - वैसे बड़े भी होते जा रहे हैं ।

7 जुलाई 2020, मंगलवार

सावन का मौसम सबको बहुत पसंद है और इस साल 6 जुलाई से सावन का मौसम शुरू हुआ। सावन के मौसम के अगले दिन ही काफी तेज बारिश हुई यानी कि आज यह बारिश गर्मी से सबको रहा तो दे देगी परंतु, चिड़ियों के बच्चों के लिए एक काफी बड़ी समस्या है ।

• 9 जुलाई 2020, गुरुवार

बारिश होने के कारण मैं 2 दिन से पार्क ना जा सका । फिर मुझे पार्क जाने का मौका और आज यह तस्वीर खींचने के बाद और उसे देखने के बाद मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि इन इंडियन वाइट आए बच्चों की अब हरे पंख भी निकल आए और आंखें भी खुल गई ।

उन्मुक्त गगन में उड़ने के लिए अब कुछ ही समय बाकी है और घोंसला छोड़ने में भी अब कुछ ही दिन बाकी हैं । अब अपने इन दो काले काले छोटे-छोटे नेत्रों से यह इस दुनिया को देख सकेंगे ।

अब मैं जब भी इनकी तस्वीर खींचने जाता हूं यह अपना मुंह नहीं खोलते हैं क्योंकि अब यह आहट को पहचानते हैं और मां को देखते ही अपना मुंह खोलते हैं ।

• 10 जुलाई 2020, शुक्रवार

मैंने सोचा कि घोंसले में बच्चों की एक सुंदर सी तस्वीर खींच लूंगा परंतु, जैसे ही मैं खींचने लगा उसमें से चिड़िया उड़ गई मुझे लगा वह माता और पिता होंगे परंतु यह तो बच्चे थे तीनों बच्चे घोसले में से उड़ गए और तीनों अलग-अलग स्थान पर बैठ गए सबसे पहले वाला घोंसले वाले पेड़ के साथ वाले पेड़ पर जा बैठा । सबसे प्यारा भी मुझे यही लगा और यह काफी छोटे छोटे थे परंतु तस्वीरों में शायद यह बड़े लगे।

दूसरे वाला घास पर घूमता दिखा ।

तीसरे वाले ने तो मुझे हंसा ही दिया क्योंकि यह शायद काफी डर गया और जितना हो सके पार्क के एक बेंच पर छोटे-छोटे छेद थे उन्हीं में अपने पंजे फंसा कर बैठ गया ।

तीनों भाई भी हो सकते हैं और यह तीनों बहन भी । परंतु यह पता लगाना काफी मुश्किल है चाहे यह भाई हो या एक दूसरे की बहन अब मेरी कहानी तो खत्म हो जाएगी । परंतु इनकी तो अब शुरू होगी मैं आशा करता हूं कि यह जिंदगी में आगे बढ़े और फिर इस इंडियन वाइट आई की आबादी फिर से दुनिया में बढ़ जाए । अब इंडियन वाइट आई के तीनों बच्चों के इस उन्मुक्त गगन में उड़ने की बारी आ गई है ।

तीनों बच्चे जब घोसले में से निकल गए तो मां इन्हें पुकार पुकार कर वापिस बुला लेती है ।

दुनिया बड़ी अद्वितीय है । हम सभी को भगवान ने जीवन दिया है इसलिए वही हमारा जीवन संभालेंगे । भगवान सच्चितानंद स्वरूप हैं तथा दयालु भी इसलिए "जीवन तुमने दिया है संभालोगे तुम आशा हम ही हैं यह विश्वास है हर मुश्किल से विधाता बचालोगे तुम ।"

11 जुलाई 2020, शनिवार

आखिरकार यह मुट्ठी भर छोटा सा घोंसला खाली हो गया और तीनों बच्चे इस उन्मुक्त गगन में उड़ने के लिए स्वतंत्रत हो गए । यात्रा तो अभी शुरू हुई है। चलना लंबा है लेकिन हम हैं और हम हमेशा एक-दूसरे के लिए रहेंगे।

प्रकृति ने जानवरों को बनाया है उसका कोई कारण ही है अगर चिड़िया यूं ही खत्म होती रहेंगी तो कीड़े भी बढ़ते रहेंगे

चिड़िया कीड़ों को खाकर हमारी मदद करती हैं और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखती हैं हमें इन जानवरों की स्वतंत्रता को नहीं छीन ना चाहिए ।

उल्टा यह प्रार्थना करनी चाहिए कि इनके अंडे कोई और जानवर ना खा ले और इनकी घोंसले में बीती यात्रा सफल हो इस प्रकार मदद करनी चाहिए।

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THANK YOU SO MUCH!! 😊🙏

Disclaimer: It is advised not to take photos or videos of bird nests from such close quarters. It disturbs and agitated the parents and also exposes the nest to predators. Usually, nesting photos are taken by birders with 300mm onward telephoto lenses while standing far away from the nests. Please stay safe and keep them safe too.

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Written by Aaryan Bhalla

Nature and birds Lover, Traveller, & musician..☺️☺️

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